उनकी आँखों से जो लफ्ज बया होते हे
वो शायरी में कहा होते हैं.
आँखों को पढ़ना सिख लो अगर
कुछ सीखना ही हे तो
वरना लफ्जो में मतलब तो
हजारो निकाल लेते हैं..
समज नहीं सकते आँखों की गहराई को
होठो से कुछ कह नहीं सकते
ये दिल कैसे बया करे ये हाल
तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते..
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में.
तुम्हारे पास ही तो हैं ज़रा, ख्याल करके देखो ।
आँखों की जगह, दिल का इस्तेमाल करके देखो।।