मत पूछो ये इश्क कैसा होता है,
बस यहीं समझ लीजिए जो रूलाता है ना
उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है।
अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग है,
वरना हर सुबह मेरे तकिये का
बदला हुआ रंग मेरी तन्हाई की
हकीकत ब्यान कर देता।
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता,
मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे,
अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
हमें क्या पता था मौसम ऐसे रो पड़ेगा, हमने तो आसमान को बस अपनी दास्तां सुनाई थी|
Aansu ki kimat wo kaya jane jo har baat pe aansu bahate hain!
Aansu ki kimat zara un se pucho jo gum main bhi muskurate hain.
Umeedon Ki Manzil Toot Gayi;
Aankho Se Ashqo Ki Dhara Beh Gayi;
Arre Tumhari Bhi Kya Ijjat Reh Gayi;
Jab Class Main Ladki Bhaiya Keh Gayi!