मत पूछो ये इश्क कैसा होता है,
बस यहीं समझ लीजिए जो रूलाता है ना
उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है।
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता,
मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे,
अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
हिम्मत इतनी थी की समुन्दर भी पार
कर सकते थे और मजबूर इतना हुए की
दो बूँद आंसुओ ने डुबो दिया
एक गम पे है हज़ार आंसू…उफ्फ ये आँखों की फ़िज़ूल खर्चियाँ!
आदत नहीं वो तलब है मेरे लिए, सीखना चाहता हूँजो हर पल वो सबक है मेरे लिए।
मेरे लिए, सीखना चाहता हूँजो हर पल वो सबक है मेरे लिए।
जो हर पल वो सबक है मेरे लिए।
आदत होती तो छूट भी जातीअब ज़िन्दगी हो जीना तो नहीं छोड़ सकता।
अब ज़िन्दगी हो जीना तो नहीं छोड़ सकता।