ज़िन्दगी जीने के लिए मिली थी,
अफ़सोस मैंने उसके इंतज़ार में गुजार दी।
जिसे डर ही नही था मुझे खोने का
वो क्या अफ़सोस करेगा मेरे ना होने का।
हमसे बिछड़कर अब वो खुश रहने लगे है,
अफ़सोस की हमने उनकी ये ख़ुशी छीन रखी थी।
Mohabbat में लाखों zakhm खाए हमने।Afsos उन्हें हम पर aitbaar नहीं।Mat पूछो क्या गुजरती है dil पर।जब वो kehte है हमें तुमसे mohabbat नहीं।
Afsos To Hai Tumhare Badal Jane Ka Magar,
Tumhari Kuchh Baton Ne Mujhe Jeena Sikha Diya!
Kuch baton ne jina sikha diya
ना अफसोस है, ना कोई शर्मिंदगी है,गुज़र रही है जो गुनाहो में…ये कैसी ज़िन्दगी है !!!