ज़िन्दगी जीने के लिए मिली थी,
अफ़सोस मैंने उसके इंतज़ार में गुजार दी।
Mohabbat में लाखों zakhm खाए हमने।Afsos उन्हें हम पर aitbaar नहीं।Mat पूछो क्या गुजरती है dil पर।जब वो kehte है हमें तुमसे mohabbat नहीं।
अहमियत नहीं समझ पाये हमारी..
खैर.. अफसोस एक दिन बेशुमार करोगे...
Afsos To Hai Tumhare Badal Jane Ka Magar,
Tumhari Kuchh Baton Ne Mujhe Jeena Sikha Diya!
Kuch baton ne jina sikha diya
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को,अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।
ना अफसोस है, ना कोई शर्मिंदगी है,गुज़र रही है जो गुनाहो में…ये कैसी ज़िन्दगी है !!!