दिल तो पहले होता था सीने में ,
अब तो दर्द लिए फिरते है |
बस इतना बता दो , इंतज़ार करू या बदल जाऊ ?
लिखना था कि खुश है तेरे बगैर भी यहाँ
हम,
मगर कम्बख्त आंसू है कि कलम से पहले
ही चल दिए...
वह खुली किताब थीऔर मैं अनपढ़..