अकेलेपन का दर्द भी अजीब होता है,
दर्द तो होता है लेकिन दर्द के आँसू
आँखों से बाहर नहीं आते !
ये नमक का शहर है,
साहब,
इसलिए हर किसी को जख्म दिखाया नहीं करते।
न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं !
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम,
तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो,
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे !