आईने में झाँक के,क्यों परेशान हो,देखो मेरी तरफ,उसी निगाह से,मुझमें मुझ से जादा,तुम्हीं तो हो...
अपने हर इक लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा,उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा…!
कह नही सकते अब कौन अपना है कौन परायाऐ, ज़िन्दगी तूने ये ही सीखाया
कह नही सकते अब कौन अपना है कौन पराया
ऐ, ज़िन्दगी तूने ये ही सीखाया