बहुत खुश रहता हूँ आज कल मै क्यूंकि
अब उम्मीद खुद से रखता हूँ औरों से नही।
शान से जीने का शौक है,
वो तो हम जियेंगे
बस तू अपने आप को संभाल
हम तो यूहीँ चमकते रहेंगे
पहचान तो सबसे है हमारी,
लेकिन भरोसा सिर्फ खुद पर है !!
हम तो पत्थर हैं हमको पिघलना नहीं आता,
मौसम कि तरह पल में बदलना नहीं आता।
वाकिफ़ तो रावण भी था अपने अंजाम से,
मगर ज़िद्द थी उसकी अपने अंदाज़ में जीने की..!!
सुधरी हे तो बस मेरी आदते वरना मेरे शौक,
वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं..!!