मेरी आवाज किसी शोर में गर डूब गयी,
मेरी खामोशी बहुत दूर तलक सुनाई देगी!
एक आवाज ही काफी है हजारों के शोर में,
मैं एक जुगनू से इश्क़ करता हूँ तारों के दौर में!
तेरी आंखें, शब्द और आवाज़ ही काफी है मेरे लिए,
किसने कहा कि छूना जरूरी है छू जाने के लिए!
दस्तक और आवाज तो कानों के लिए है…
जो रुह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं!
इंतजार हमेशा रहेगा तुम्हारा...
बस अब आवाज नहीं देंगे...❤️
तुम्हारी आवाज सुनने को, हर पल बेकरार रहता हूँ
नहीं करूंगा याद तुम्हें
मै खुद से हर बार कहता हूँ