आँखों से होती हे खता
और सज़ा दिल को मिल जाती हे
बरसते हे बादल और ख़ुशी
इश्क करने वालो को मिल जाती हे
वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है,
कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते।
कभी बादल, कभी बारिश, कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला!
लम्हो में बदल जाते हैं मौसम के तेवर…
कुदरत की नजाकत भी हसीनो से कम नहीं!