Sawan Pyar Bhari Shayari
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाए उतना आप हमें चाहते हैऔर जितना ना समेट पाए उतना हम आप को चाहते है...
Kahin Barish Baras JaayeKahin Darya Taras JaayeKahin Aa Kar Ghata TherayTumhare Or Mere DarmiyaaAaa Kar KHUDA Therey..Tou ………!!!Uss Lamhay Mere Jivan Main..Tum KHUDA Ke Baad Aatey Ho..Mujey Tum Yaad Aatey Ho
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं,
हमने क्या आसूं पिए की मौसम रो पड़े!