कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँ ही आँखें,
उदास होने का कोई सबब नहीं होताा!
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दिया
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा!
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा,
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा!
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है
अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे