कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँ ही आँखें,
उदास होने का कोई सबब नहीं होताा!
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना,
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है!