मेरी आँख से तेरा गम छलक तो नही गया
तुझे ढूंढ कर मैं भटक तो नहीं गया ….!!
ये जो इतने प्यार से देखता है आजकल
मेरे दोस्त तू मुझसे थक तो नहीं गया.!!
तिज़ोरियों पे नज़र और लोग रखते हैं
मैं आसमान चुरा लूंगा जब भी मौका लगा
ये क़ायनात बनाई है एक ताजिर नें
यहां पे दिल नहीं लगना यहां पे पैसा लगा
तेरे जिस्म से मेरी गुफ़्तगू रही रात भर
कहीं मैं नशे में ज़्यादा बक तो नहीं गया
ये जो इतने प्यार से देखता है तू आजकल
मेरे यार कहीं तू मुझसे थक तो नहीं गया
अब इतनी देर भी ना लगा, ये हो ना कहींतू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो।
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है बहोत, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते होतो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो?
ये ज्योग्राफियाँ, फ़लसफ़ा, साइकोलोजी, साइंस, रियाज़ी वगैरहये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो?
घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहाजाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा।
रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है?जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा।