हम जरा खफा क्या हो गए
आप तो बेवफा हो गए
Akele rahne ka bhi, apna hi sukoon h na
kisi ke aane ki khushi na kisi ke jaane ka gum
काश… फुरसत में उन्हें भी ये ख्याल आ जाये,
कि कोई याद करता है उन्हें ज़िन्दगी समझकर।
वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों …
ना वो सपना देखो जो टूट जाये,ना वो हाथ थामो जो छुट जाये,मत आने दो किसी को करीब इतना,कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये|
आदतन तुम ने कर दिए वादेआदतन हम ने ऐतबार कियातेरी राहो में बारहा रुक करहम ने अपना ही इंतज़ार कियाअब ना मांगेंगे जिंदगी या रबये गुनाह हम ने एक बार किया