जिस की आँखों में कटी थीं
सदियाँ उस ने सदियों की जुदाई दी है
ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने !
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने !
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा !
तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है !!
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।
Itna toota hoon ki
Chhoone se bikhar jaooanga
Ab agar aur dua
Dogi to mar jauanga..