जिधर भी देखो रब दिखता है
बंद करूं आंखें तो सब दिखता है..!
मैं भुला दूं कैसे रब तुझे तू मेरी बातों में है
मैं मिटा दूंगा कैसे तुझे तू मेरी सांसो में है..!
श्याम तेरा सिर पे हाथ होने से मेरे सारे काज साकार होते है
जहाँ भी देखता हु मेरे श्याम मुझे तो बस तेरे ही दीदार होते है.
ॐ में आस्था है ॐ में ही विशवास है
ॐ में ही शक्ति है ॐ में भी भक्ति है
ॐ से ही शुरुआत होती है अच्छे दिन की ||
प्यार में ताकत है, दुनिया को झुकाने की |
वर्ना क्या आवश्यकता थी श्रीराम को झूठे बैर खाने की ||
बुरे कर्म करने नहीं पड़ते हो जाते है,
और अच्छे कर्म होते नहीं करने पड़ते हैं।