ये उदासी वाले दिन
कभी तो ढलेंगे
फिर काशी तो क्या
केदारनाथ भी चलेंगे |
सब्र करना दिल को
थाम लेना तुम
वो सब संभाल लेगा,
महादेव का नाम लेना तुम |
ना आज मिले ना कल मिले
शिव-शंभू तो हर लम्हें
हर पल पल में मिले |
मुझमें कोई छल नहीं, तेरा कोई कल नहीं
मौत के ही गर्भ में, ज़िंदगी के पास हूँ
अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का मैं प्रकार हूँ
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ
अदभुत भोले तेरी माया
अमरनाथ में डेरा जमाया
नीलकंठ में तेरा साया
तू ही मेरे दिल में समाया
शिव सहारे शिव ही प्यारे,
और कोई ना मन में हमारे ।