सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनों पे भी शक करना,
मेरी फितरत में तो था गैरो पे भरोसा करना.
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
"चार साल मोहब्बत करने के बाद उसे याद आया
घर वाले बहुत सख्त हैं नही मानेंगे"
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
Udas na baitho fiza tang karegi,
Gujre hue lamho ki sazaa tang karegi,
Kisi ko na lao dil ke itna karib,
kyuki uske jane ke baad uski har adaa tang karegi….
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का,
सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।