रोम-रोम में बाबा भोलेनाथ का एहसास हो,
हमारे हृदय के मंदिर में भोला का वास हो।
अकाल मौत वो मरे, जो काम करे चंडाल का..!
काल भी उसका क्या बिगाड़े, जो भकत हो महाकाल का..!
हँस के पी जाओ भांग का प्याला,
क्या डर हैं जब साथ हैं अपने त्रिशुल वाला।
बाबा महाकाल के भक्त हैं, हर हाल में मस्त हैं
जिंदगी एक धुँआ हैं, इसलिए हम चिलम मैं मस्त हैं।
भगवान शिव शायरी इन सावन
Jai Mahakaal Shayari