तेरी आँखों के दरिया का उतारना भी ज़रूरी था,
मुहब्बत भी ज़रूरी थी बिछड़ना भी ज़रूरी था।
वह तेरा मिलना ना होता,
फिर तेरा बिछड़ना ना होता ,
अगर उस दिन हमारा टकराना ना होता
जो लोग जानते है बिछड़ने का गम,वो साथ बैठे परिंदो को उड़ाया नहीं करते।
जो लोग जानते है बिछड़ने का गम,
वो साथ बैठे परिंदो को उड़ाया नहीं करते।
क्या करोगे तुम मुझसे ऐसी मुलाकातजहा बिछड़ने का रिवाज न हो.
क्या करोगे तुम मुझसे ऐसी मुलाकात
जहा बिछड़ने का रिवाज न हो.
वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.
वो कहता था तुम्हारी कसम,
कभी न छोडूंगा तुम्हे,
आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,
यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.