ह्रदय से रावण जैसी बुराई का नाश हो,
और प्रभु श्रीराम का वहाँ पर वास हो.
तोड़ दो ना वो कसम जो तुमने खाई है,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है!
उड़ने में बुराई नहीं है, पर आप भी उड़े,
लेकिन उतना ही जहां से जमीन साफ दिखाई देती हो..
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है