अब उसने भी अपनी चाहतों को दबा लिया है
तभी मुझसे दुरी बढ़ा कर .........
किसी और से दिल लगा लिया है।
मेरी चाहतें है जितनी वो बस काफ़ी है
इश्क करना गर गलती है हमारी
तो उसके लिए दिल से माफ़ी है।
बहुत गुमनाम है चाहत के रास्ते।
तू भी लापता मैं भी लापता।
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गयाहोता तो चाहत की डगर का मैं भी राहीबन गया होता !
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही
बन गया होता !
बिन बात के ही रूठने की आदत हैकिसी अपने का साथ पाने की चाहत हैआप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँमुझे तो टूटने की आदत है।
बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।