आज खुल कर करें हम मौज-मस्ती और हल्ला गुल्ला
रोको न कोई हमें, शरारत करें हम खुल्लम-खुल्ला।
बालदिवस की शुभकामनाएं
बचपन के खुशियों वाला खेल कोई फिर से खिला दे,
मेरी दौलत-शोहरत ले ले और मुझे बच्चा बना दे.
माँ, पिता, शरारतें, आँसू का जिसमें किस्सा है,
बचपन ही मेरी जिन्दगी का बेहतरीन हिस्सा है.
पुरानी अलमारी से देख मुझे वो खूब मुस्कुराता है,
ये बचपन वाला खिलौना मुझे बहुत सताता हैं.
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात हैं… जब बच्चे थे हम…