मेरे अनकहे "अलविदा" को…
तुम्हारे फिर से मिलने का इंतज़ार हैं ।
जो मुझे भुला देंगे मैं उन्हें भुला दूंगा,सब गुरुर उनका खाक में मिला दूंगा ।।
एक डर सा लगा हुआ है मुझे,वो बिना शर्त चाहता है मुझे ।
" 'तुम ठीक हो' मेरे पूछने पे,जवाब 'हाँ' में आना ही..आज किसी मोह्हबत वाली,बात से जादा सुकून देता है l"
कई बार ऐसा लिखा मिला,जो मुझसे ना कभी कहा गया lकिसी ने बात कह दी ऐसी,जैसे मेरा दिल निकाल के रख गया l
तुम थी,तो कम थी,ना हो, तो भरपूर हो,पता चले की तुम हो मुझमें,इसलिए,ये मौसम जरूर हो l