कौन कहता है दुआओं के लिए हाथों की ज़रुरत होती है..
उनकी झुकी पलकों से भी दुआ कबूल होती है..
अपना ख्याल रखा करो,
माना की जिंदगी आपकी है
पर जान तो हमारी हो ना.
पहली मोहब्बत थी और हम दोनों ही बेबस,वो ज़ुल्फ़ें सँभालते रहे और मैं खुद को।
होता हूँ अकेला तो खुद के पास होता हूँ,कहाँ खो गया हूँ मैं भीड़ में ये सोचता हूँ l
हम नहा भी ले तो फील नहीं आती है,तुम्हारी तो नोटबुक से भी खुशबू आती है ।