थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो तुम ,
मगर जैसे भी हो मेरी जान हो तुम।
प्यार वो है, जिसमे किसी के मिलने की,
उम्मीद भी न हो..फिर भी इंतज़ार_उसी का हो…!
तु मिल गई है तो मुझ पे नाराज है खुदा,
कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है
आग तो हम भी लगा दें दिलों में अपनी शायरी से…
पर डरते हैं कि कहीं तुमसे इश्क न हो जाए हमें…
जब तलक एहसासे मोह्हबत,मोहताज़ इज़हारे मोह्हबत की lसमझ अभी सफर बाक़ी है,मंजिल इबादते मोह्हबत की l
रूठे ज़माने को एक ख़्वाब देना है,बन हौंसला,कि जमाने को नया मकाम देना है lकरना क्या होगा,मुस्कुराना और नज़र मिलाना हैज़माने को दौड़ तो अपनी खुद लगाना है l