" बहुत खुश चेहरे के पीछे,अक्सर उदास आँखें होती है l "
कविता के कई मतलब हो सकते हैपर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती !!
तलवार के घाव मिट जाते है
लेकिन बातों के घाव हमेशा याद रहते है…!!
तुमसे मिलके होते होंगे,कितने पूरे,मैं तुमसे मिलकर दुगना हो गया lएक जहान का होता था पहले,अब दो जहान का हो गया l
Aaj Hum hain kal hamari yaadein hongi,
दिल-ए-आबाद का बर्बाद भी होना ज़रूरी है
जिसे पाना ज़रूरी है उसे खोना ज़रूरी है