जिस्म को
तो छू लिया तुमने,
मगर रूह को छूने की
औकात नहीं तुम्हारी !!
भूल गया होता तो अलग
बात थी, लेकिन उसने तो
मुझे जान बूझ कर भुलाया है।
रिश्ता चाहे छोटा हो या बड़ा,
उसे टूटने में बस एक पल ही लगता है !
भर आई मेरी आंखें जब उसका नाम आया,
इश्क नाकाम सही पर बहुत काम आया,
हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुजारी रातें,
जब तक आसूं ना बहे दिल को ना आराम आया।
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन,
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नही जाते..
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी,
किसी रात खामोशी से मर क्यों नही जाते..!