दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ
कौन कहता है
सिर्फ नफरतों में ही दर्द है
कभी कभी बेपनाह मोहब्बत भी
बहुत दर्द देती है..
Ajeeb halaat ho gayi hai dil ki,
Na tu iski hui aur na ye mera raha.
Mohabbat meri bhi bahut asar
karti hai.
Yaad aayenge bahut jara bhul
ke dekho.