बहुत अच्छा चल रहा था यह रिश्ता हमारा,
बिछड़े इस रफ़्तार से मानो, मैं आसमान और वो टूट ता तारा.
तेरी तरफ चले तो उम्र कट गई,ये और बात है रास्ता काटता नहीं।
स्त्री के आँसू अंधेरे में भी दिखते हैं,मगर पुरूष के आँसू उसके तकिये को भी नहीं दिखाई देते ।
वो जो मरने पे तुला है,उसने जी कर भी तो देखा होगा ।
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैंउन सारी जगहों परजहाँ बोलना ज़रूरी था!
जो रोज दिल को दे सुकून,वो प्यार है lमिले सोने को और मोहलत,तो रविवार है l