बहुत जुदा है औरों से
मेरे दर्द की कहानी
ज़ख्म का कोई निशां नही
और दर्द की कोई इंतहा नही।
फर्क है तुम्हारे और मेरे दर्द में
तुम्हारी आँखें रोती है और हमारा दिल