उन्हें खो देने का डर
दिल को बेचैन कर जाता है
वो हैं ही नहीं अपने
नादान दिल क्यूँ भूल जाता है!
"इंसान को जीवन का असली रंग सिर्फ दर्द में ही समझ आता है।"
बहुत डर
लगता है मुझे उन लोगों से,
जो बातों में मिठास और दिल में
जहर रखते है !!
किसी को डर है इंसान का,
तो किसी को हैवान का .
कोई इससे नहीं बचता ,
डर थोडा-थोडा सबको लगता.
डर तो इंसान का वहम है,
जो उसे यूँ ही लग जाता।
तब तक है लगता रहता,
जब तक इंसान सहमता रहता.
अंधेरों का डर यहाँ किस को है….
डर तो उसका है जो उजालो में ना हो सका!