तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
वो भी दिन थे जब हम भी पिया करते थे,
यूँ न करो हमसे पीने पिलाने की बात,
जितनी तुम्हारे जाम में है शराब,
उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे।
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
Na koi hamdard tha,Na hi koi dard tha..Phir ek hamdard mila,Usi se sara dard mila..!!
Na koi hamdard tha,
Na hi koi dard tha..
Phir ek hamdard mila,
Usi se sara dard mila..!!
Pyar Bhari shayari
बोतलें खोल कर तो पी बरसों
आज दिल खोल कर भी पी जाए