नशा हम किया करते हैं,
इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं.
एक बोतल शराब के लिए
कतार में ज़िन्दगी लेकर खड़ा हो गया
मौत का डर तो वहम था
आज नशा ज़िन्दगी से बड़ा हो गया
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !
गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !
मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !
शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,
अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं !
प्यार के नाम पे यहाँ तो लोग खून पीते है,
मुझे खुद पे नाज़ है की मैं सिर्फ शराब पीता हु।
मुहब्बत मेरी भी बहुत असर करती है,याद आएंगे बहुत जरा भूल के देखो।