नजरिया देखने का नज़र में हो,तभी कुछ सुंदर नज़र आता है lवरना आइना को क्या पता,हर आँख को ख्वाब कैसे आता है l
ना कोई महल, ना सपना,ना कोई फूल छोड़ जाता हूँ,तुम्हारे नाम लिखें है कई ख़त, रोज एक छोड़ आता हूँ l
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है बहोत, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते होतो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो?
ये ज्योग्राफियाँ, फ़लसफ़ा, साइकोलोजी, साइंस, रियाज़ी वगैरहये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो?
समंदर से भी गहरी है,
मेरे यार की आँखें….!!