ये दिल्लगी ना जाने क्यों सताती है,
हम तो इश्क करते हैं, ना जाने वो क्यूं तड़पाती है।
दिल से ख़याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा।
ना जाने कौन सी दौलत हैं कुछ लोगों के लफ़्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
होता है होश तो तुम नही रहते
होते हो तुम तो होश नही रहता !!