उनसे दूरी का एहसास होने लगा है,
अब बस ख्वाबो में वो मिलने लगा है!
मेरे ख़ामोश खयालों का अहसास बन कर,
काश गुम हो जाये मुझमें कोई अल्फ़ाज़ बन कर!
एहसास ने एहसास को क्या छुआ,
वो दिल में उतर कर रूह में समा गए!
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है,हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है,तुझ बिन धड़कने रुक सी जाती है,क्योकि तू मेरे दिल में धड़कन बनकर रहता है|
Raat Karwaten Badal Kar Guzar Jati Hai
Teri Baahon Me Soone Ko Ji Chahta Hai
Na Jane Ye Ishq Ki Kaun Si Manzil Hai
Har Waqt Tujh Pe,Jaan Nichawar Karne Ko Ji Chahta Hai.!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा