आगाज़ ईद है अंजाम ईद है
सचाई पे चलो तो हर गाम ईद है
जिसने भी रोजे रखे उन सब के वास्ते
अल्लाह की तरफ़ से इनाम ईद है
आप सभी को ईद मुबारक
समुन्दर को उसका किनारा मुबारक
चाँद को सितारा मुबारक
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक
दिल को उसका दिलदार मुबारक
आपको ईद का त्यौंहार मुबारक
दीपक में अगर नूर ना होता, तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता
मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता
अगर आपका घर इतना दूर ना होता
ईद का दिन है और हम तुमसे दूर बेठे हैं
सितारों तुम क्यू खामोश हो हम तो मजबूर बेठे हैं
दिए जलते और जगमगाते रहें
हम आपको इसी तरह याद आते रहें
जब तक ज़िंदगी है ये दुआ है हमारी
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहें
हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा, मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा
फना हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ, बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा