वो लफ्ज बने हिनही
जो बयाँ कर सके
मुझे कितनीमोहब्बत
तुमसे है
मोहब्बत ना सही, मुकदमा ही कर दे मुझ पर, कम से कम तारीख दर तारीख मुलाकात तो होगी...!!