दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
आज की रात भी तन्हा ही कटी
आज के दिन भी अंधेरा होगा
दिल से चाहते हैं हर सुबह उठाये तुमको
प्यार से दिल के करीब लाये तुमको
कोई मौका न छोड़े कभी भी हम
हर सुबह शायरी से उठाये तुमको
Good morning Jaan
माँ की लोरियाँ अब कहाँ?
चिड़ियों की बोलियाँ अब कहाँ?
ख़ुद से ही जगाना हैं हमें अब तो,
ज़िंदगी आ गई हैं जिस जगह.
गुड मॉर्निंग शायरी.