"शेरों" की तरह जीते थे जब तक कमाते नहीं थे...जब कमाना शुरू किया जिंदगी "शेरू" की तरह हो गयी!
उम्र की राह में जज्बात बदल जाते है।वक़्त की आंधी में हालात बदल जाते हैसोचता हूं काम कर-कर के रिकॉर्ड तोड़ दूं।कमबख्त सैलेरी देख के ख्यालात बदल जाते हैं