तुम्हारा तुम कहकर रोज़ झगड़ना मुझसे,तुम्हारा आप कहकर बिछड़ने से अच्छा था.
तुम्हारा तुम कहकर रोज़ झगड़ना मुझसे,
तुम्हारा आप कहकर बिछड़ने से अच्छा था.
ऐ समंदर मैं तुझसे वाकिफ हूँ
मगर इतना बताता हूँ,
वो ऑंखें तुझसे गहरी हैं
जिनका मैं आशिक हूँ।
उसकी आँखें सवाल करती हैंमेरी हिम्मत जवाब देती है
उसकी आँखें सवाल करती हैं
मेरी हिम्मत जवाब देती है
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
किसी के प्यार को पा लेना ही मोहब्बत नहीं होती है |
किसी के दूर रहने पर उसको पल पल याद करना भी मोहब्बत होती है |
शायरियों का बादशाह हूँ,
और कलम मेरी रानी है,
अल्फाज मेरे गुलाम है,
बाकि रब की महरबानी है.