उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
“हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलनाशायद मुश्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.”
“दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं,
रातों को भी ख़्याल तेरा ही आता हैं,
कभी ये ख़्याल इस तरह बढ़ जाता है की,
आईने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.”
मोहब्बत से देख लो अगर,
तो यूँ ही मर जायेंगे,
हर सितम ढाना,
जरूरी तो नहीं…
काश कोई अपना संभाल ले मुझको,
बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह।