ना कर तू इतनी कोशिशे,मेरे दर्द को समझने की,पहले इश्क़ कर,फिर ज़ख्म खा,फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
ना कर तू इतनी कोशिशे,
मेरे दर्द को समझने की,
पहले इश्क़ कर,
फिर ज़ख्म खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
आपकी वफ़ा हमेशा मुझपर उधार रहेगीमेरी ज़िंदगी आपकी मुस्कुराहट पर निसार रहेगीदिया है आपने इतना प्यार मुझेकी मर कर भी मेरी ज़िंदगी आपकी कर्ज़दार रहेगी
आपकी वफ़ा हमेशा मुझपर उधार रहेगी
मेरी ज़िंदगी आपकी मुस्कुराहट पर निसार रहेगी
दिया है आपने इतना प्यार मुझे
की मर कर भी मेरी ज़िंदगी आपकी कर्ज़दार रहेगी
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला
वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है