मिलावट है तेरे इश्क में,
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते है,
कभी हम बहक जाते हैं.
कभी कभी हम किसी के लिए उतना जरुरी भी नहीं होते जितना हम सोच लेते है|
आओ फिर से दोहराए अपनी कहानी, मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँगा और तुम मुझे बेवजह छोड़ जाना..
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया|
आरजू होनी चाहिए किसी को याद करने की लम्हे तो अपने आप मिल जाते है|