खुदा को माफी है
तू दे दिया इतना काफी है
ज़िन्दगी की थकान में ग़ुम हो वो लफ्ज़
जिसे सुकून कहते है
मेरी आवाज को महफूज़ कर लो
मेरे बाद बहुत सन्नाटा होगा
इस दिल को किसी की आहट की आस रहतीहै, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिरभी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,डरता है दिल उनकी रुसवाई से,और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते |
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li