कविता के कई मतलब हो सकते हैपर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती !!
जहाँ कमरे में कैद हो जाती है ज़िन्दगी,लोग उसको बड़ा शहर कहते हैं ।
एक तरफ ढल रहा दिन,एक तरफ अंधेरा आ रहा है,बस याद है कि अब,ना आ रहा है, ना जा रहा है l
ना कोई महल, ना सपना,ना कोई फूल छोड़ जाता हूँ,तुम्हारे नाम लिखें है कई ख़त, रोज एक छोड़ आता हूँ l
"इश्क़, लुटेरा है, लूट के ले जायेगा,
कितनी भी बना लो यादें,
कितने भी दूर निकल जाओ,
एक दिन तुम्हें अंदर से, खाली कर जायेगा l"💕
"ना जाने क्यों इतनी बेचैनी बढ़ जाती है,कोई बात कभी जहन में अटक जाती है,वैसे तो सब बेहतर है, कोई ग़म नहीं है,जब देखता हूँ तुमको, साँसे अटक जाती है l"