ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझहम अपने शहर में होते तो घर चले जाते
"तुम्हारे हर झूठ को मैं सच मान बैठा हूँ,पता नहीं, मैं किस कदर प्यार कर बैठा हूँ l"
"ज़िंदगी तेरे किताब को, शायद कभी ना पढ़ पाऊँगा,एक शब्द पे ठहरता हूँ, तो दिन गुजर जाता है l"
"इश्क़, लुटेरा है, लूट के ले जायेगा,
कितनी भी बना लो यादें,
कितने भी दूर निकल जाओ,
एक दिन तुम्हें अंदर से, खाली कर जायेगा l"💕
"तुम रहो दूर मुझे, ये बर्दास्त मुझे,पर जहाँ रहो बस, सलामत रहो lतुम्हारे आँखों में ना रहूँ, मंजूर मुझे,मेरी मोह्हबत की, अमानत रहो l"