चाय की शौकीन हूं जनाब
उबाल तो वाजिब है मिज़ाज मैं...
किसी से जुदा होना इतना आसान नहीं होता
दो ज़िस्म को रूह से जुदा करने फ़रिश्ते नहीं आते😓😓😓
यही वो दिन थे जब इक दूसरे को पाया था
हमारी साल-गिरह ठीक अब के माह में है
अपने मेयार से नीचे तो मैं आने से रहा
शेर भूखा हो मगर घास तो खाने से रहा
कर सको तो मेरी चाहत का यकीन कर लेना
अब तुम्हें चीर के मैं दिल तो दिखाने से रहा
इस दिल को किसी की आहट की आस रहतीहै, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिरभी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li